Arvind Kejriwal ED : कल शाम को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल से ED ने 2 घंटे पूछताछ की और पूछताछ के बाद उन्हें गिरफतार किया। ED द्वारा बताये गए लिकर केस में पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया गया है। हालांकि यह ED दसवीं बार था की उन्होंने अरविन्द केजरीवाल को नोटिस भेजा था लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई थी और 10 बार पूछताछ के बाद गिरफ्तारी हो गयी है। अरविन्द केजरीवाल के गिरफ्तार होने के बाद दिल्ली में आप कार्यकर्ता प्रदर्शन कर रहे है , क्योकि यह इतिहास में पहली बार है की वर्तमान मुख्यमंत्री को ऐसे घर से गिरफ्तार किया गया है इसी बात हड़कंप मचा हुआ है इससे पहले झारखण्ड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को भी गिरफ्तार किया गया था लेकिन उससे पहले हेमंत सोरेन अपना त्यागपत्र राज्यपाल को सौंप चुके थे। लेकिन केजरीवाल अभी दिल्ली के मुख्यमंत्री पद पर आसीन है। आइये जानते इस लेख के माध्यम से ऐसा अचानक होने के पीछे का क्या कारण है।
Arvind Kejriwal ED द्वारा किस केस में गिरफ्तार
ईडी द्वारा अरविंद केजरीवाल पर मुख्यतः 4 आरोप लगाए गए थे, ED की चार्ज शीट के मुताबिक पहला आरोप यह था कि उन्होंने शराब घोटाले के आरोपों से फोन पर बात की थी। चार्ज सीट के अनुसार दूसरा आरोप है नई शराब नीति के तहत आंध्र प्रदेश के एक सांसद से मुलाकात करके केजरीवाल ने उन्हें व्यापार के लिए आमंत्रित किया। तीसरा आरोप यह है कि नई शराब नीति कैसे बनी इस मीटिंग में मनीष सिसोदिया के साथ-साथ केजरीवाल भी मौजूद थे और केजरीवाल को नई शराब नीति में हो रहे बदलाव की जानकारी थी। चौथा आरोप है कि के कविता ने और लोगों के साथ मिलकर शराब नीति से फायदा पाने के लिए अरविंद केजरीवाल और मनोज सिसोदिया समेत बड़े नेताओं के साथ साजिश रची, बदले में आम आदमी पार्टी के नेताओं को 100 करोड रुपए पहुंच गए और इसीलिए शराब नीति घोटाले में अरविंद केजरीवाल चौथे आरोपी हैं। और Arvind Kejriwal ED द्वारा गिरतार किये गए है।
बीजेपी को लोकसभा चुनाव से पहले बड़ा फायदा
दिल्ली प्रदेश में विधानसभा चुनाव और लोकसभा चुनाव से ज्यादा महत्वपूर्ण होता है वार्ड इलेक्शन। बताया जा रहा है कि दिल्ली में एक अप्रैल को मे और सीट के लिए चुनाव हो सकता है वर्तमान स्थिति में आम आदमी पार्टी के 134 पार्षद हैं और बीजेपी के 104 पार्षद हैं देखना यह होगा कि पीढ़ी द्वारा अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार किए जाने के बाद इस चुनाव पर क्या असर पड़ता है क्या यह चुनाव बीजेपी जीत पाएगी या फिर दिल्ली की मेयर सेट इस बार बीजेपी के खाते में जाने वाली है।
लोकसभा चुनाव में आप का प्रभाव
पिछले 10 साल से आम आदमी पार्टी भारत की कुछ ऐसी चुनिंदा पार्टियों में से है जो लगातार अपने राज्य में भारतीय जनता पार्टी से अकेले मुकाबला करती रही है और निरंतर अपने अच्छे प्रदर्शन की बदौलत जीत हासिल करती रही है दिल्ली की जनता जहां लोकसभा सीट के लिए भाजपा के उम्मीदवार को वोट देता है वहीं विधानसभा और वार्ड का चुनाव के लिए आम आदमी पार्टी की उम्मीदवार जीते हैं यह सुनने में बहुत अलग है लेकिन दिल्ली की जनता का मत इसी प्रकार दिखाई देता है और क्योंकि अब 2024 में लोकसभा चुनाव की घोषणा हो चुकी है और लोकसभा चुनाव लगभग सामने ही है और आम आदमी पार्टी दिल्ली समेत कई प्रदेशों में लोकसभा चुनाव की तैयारी जोरों शोरों से कर रही है लेकिन अब यह देखना बहुत महत्वपूर्ण होगा कि Arvind Kejriwal ED द्वारा गिरफ्तार किए जाने के बाद इन चावन पर क्या असर पड़ता है आम आदमी पार्टी ने गुजरात में काफी मेहनत की थी जिसका नतीजा यह हुआ था कि आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के खींचतान में बीजेपी को अधिक विधानसभा सिम मिली थी अगर वह गठजोड़ इस लोकसभा चुनाव में कायम रहता तो शायद इस बार गुजरात में बीजेपी की लोकसभा सिम काम हो सकती थी साथ ही आम आदमी पार्टी अपना अच्छा प्रदर्शन हरियाणा में भी निरंतर करती रही है इसलिए अगर कांग्रेस और आप साथ आते हैं तो निश्चित तौर पर गुजरात हरियाणा पंजाब और उत्तराखंड के कुछ हिस्सों में अपना अच्छा प्रभाव छोड़ सकते हैं।
क्या इससे INDIA गठबंधन कमजोर होगा ?
कुछ हद तक कह सकते है की हाँ आम आदमी पार्टी के मुखिया Arvind Kejriwal ED द्वारा हिरासत में लिए जाने से कुछ वोट % में गिरावट आ सकती है लेकिन साथ यह भी एक पहलु है की इसके बाद INDIA गठबंधन की सभी पार्टिया एक दूसरे के साथ मजबूती से जुड़कर ही काम करेंगी क्योकि सबका मकसद एक ही है।