Ayodhya में स्थित Ram Mandir आज पूरे विश्व में अपनी एक अलग पहचान के लिए प्रसिद्ध है और यह कहना भी होगा कि अगर हम दुनिया के सात अजूबे को अलग रखें और सिर्फ राम मंदिर को अलग रखें तो आज सबसे बड़ी संख्या में लोग राम मंदिर के पक्षधर होंगे। Ram Mandir और Ayodhya का धार्मिक और सांस्कृतिक इतिहास बहुत ही पुराना है जिसे सदियों से एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी को स्थानांतरित किया जा रहा है यह हिंदू धर्म का एक ऐसा पौराणिक एवं सांस्कृतिक धार्मिक स्थल है जहां दर्शनार्थी न सिर्फ पूरे भारत बल्कि पूरे विश्व से यहां हर साल आते हैं। और अब इसकी महिमा और ज्यादा इसलिए बढ़ रही है क्योंकि 22 जनवरी को राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के साथ भगवान श्री राम को उनके स्थान पर विराजमान किया जाएगा। यह क्षण पूरे विश्व के लिए एक अविस्मरणीय पल होने वाला है और इसका इंतजार भी लगभग 500 सालों से किया जा रहा है। आप भी इस भव्य प्राण प्रतिष्ठा का साक्षी बनने अयोध्या जा रहे हैं और आपको सिर्फ राम जन्मभूमि के बारे में पता है तो हम आज आपको राम मंदिर के साथ-साथ अयोध्या में ऐसे 5 स्थानों के बारे में बताने जा रहे हैं जो राम मंदिर की तरह भव्य तो नहीं लेकिन उससे कुछ कम भी नहीं जिनका अपने आप में कुछ पौराणिक इतिहास है और वह स्थल सदियों से आज भी अपना धार्मिक एवं सांस्कृतिक इतिहास लिए खड़े हुए है ।
हनुमान गढ़ी ,Ayodhya
हनुमान गढ़ी यानी हनुमान जी को समर्पित मंदिर और यह बात आपको सभी को पता ही है जहां-जहां श्री राम विराजमान होंगे वहां-वहां हनुमान जी के चिन्ह आपको जरूर मिलेंगे। तो बस हनुमानगढ़ी इसी के अनुसार हनुमान जी का एक बहुत ही भव्य दसवीं शताब्दी में अवध के नवाब द्वारा बना हुआ मंदिर है यह मंदिर एक ऊंचे पहाड़ पर स्थित है और हिंदू पौराणिक कथाओं में महत्वपूर्ण स्थान रखता है मंदिर की पहचान भगवान हनुमान के विशाल मूर्ति से होती है जो दूर-दूर से भक्तों को आकर्षित करती है जो यहां अपनी प्रार्थना करने और भगवान का आशीर्वाद प्राप्त करने आते हैं मंदिर का वास्तु कला अद्भुत है मुख्य संकीर्तन क्षेत्र के लिए मुख्य प्रवेश द्वार से गुजरता है जो हनुमान जी की भव्य प्रतिमा को अद्भुत बनता है प्रतिमा अक्सर विभिन्न रंगीन फूलों और भक्तों की प्रार्थनाओं से संजीव रहती है और मंदिर का वातावरण हमेशा पवित्र बना रहता है क्योंकि यहां अक्सर कीर्तन और मंत्रो की आवाज़ गूंजती रहती है जिससे एक दिव्य वातावरण बनता है इस मंदिर की एक और विशेषता यह है कि Ayodhya के पूरे शहर का एक सुंदर दृश्य इस मंदिर से देखा जा सकता है इसलिए यह मंदिर एक धार्मिक और दर्शनीय स्थल दोनों ही है।
कनक भवन
कनक भवन एक बहुत ही अद्भुत मंदिर है जिसमें भगवान राम और सीता माता को समर्पित प्रतिमाएं हैं इसका नाम ‘कनक’ यानी सोना से आया है क्योंकि पुरानी कथा के अनुसार यहां कैकई रानी ने सीता माता को एक सोने का भवन भेंट किया था जो प्रेम और सद्भाव से भरा था। कनक भवन की वस्तु कला और चित्रकला भी अद्वितीय है । यह मंदिर प्रेम और समर्पण का प्रतीक है इस मंदिर का वातावरण आरामदायक और शांतिपूर्ण है जहां भक्ति ज्ञान और स्थिरता का अनुभव करते हैं। कनक भवन एक सांस्कृतिक एवं धार्मिक दृष्टिकोण से समृद्धि और सौंदर्य से भरा हुआ है जो Ayodhya के पौराणिक एवं ऐतिहासिक धरोहर का हिस्सा है।
त्रेता के ठाकुर
त्रेता के ठाकुर का मंदिर एक सच्चा और शांतिपूर्ण धार्मिक स्थल है जो भगवान राम को समर्पित है यह Ayodhya की संस्कृति को धार्मिक विरासत का हिस्सा है इसे सबसे पुराना मंदिर भी माना जाता है इसे त्रेता युग से जोड़ा जाता है जो हिंदू समय चक्र के चार युगों में से एक है यह मंदिर आर्किटेक्चर और वास्तुकला की प्राचीनता को दर्शाता है पुरातात्विक भव्यता और संतुलन के साथ यह मंदिर भक्तों को अपने विशेष स्थानीय वास्तु कला से प्रभावित करता है।
तुलसी स्मारक भवन
तुलसी स्मारक भवन संत कवि गोस्वामी तुलसीदास जी की स्मृति में 16 वीं सदी में स्थापित किया गया था हालांकि इसका निर्माण बाद में 1969 में तत्कालीन राज्यपाल श्री विश्वनाथ दास द्वारा करवाया गया था अगर आप साहित्य या पढ़ने लिखने में जरा भी रुचि रखते हैं तो यह स्थान आपके लिए सर्वोत्तम है। क्योंकि इसमें विशाल पुस्तकालय और समृद्धि साहित्य का भंडार है इसके अलावा यहां एक अनुसंधान केंद्र भी है जिसे अयोध्या शोध संस्थान के नाम से जाना जाता है जो हमेशा अयोध्या से जुड़ी साहित्यिक सांस्कृतिक और आध्यात्मिक जानकारी के बारे में अध्ययन करने में लगा रहता है। यहां श्री राम कथा संग्रहालय भी है जिसमें श्री राम के जीवन और समय से संबंधित तथ्यों आंकड़ों और प्राचीन वस्तुओं का संग्रह है यहां रोज शाम 6:00 बजे से 9:00 बजे तक रामलीला होती है पर्यटक यहां रामलीला का आनंद लेने भी आते है ।
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अयोध्या की गुलाब बारी
गुलाब बारी एक स्मारक है जो नवाब शूज आ ओ दौला का मकबरा है यह मकबरा चारों तरफ से गुलाब के बाग से भरा हुआ है जिसकी वजह से इस जगह का नाम गुलाब बारी पड़ा है यहां आपको सफेद, लाल, पीले, नीले और गुलाबी हर तरह के गुलाब देखने को मिल जाएंगे। इस जगह पर पानी के फव्वारे की बुँदे जब गुलाब पर पड़ती है तो वह दृश्य अपने आप में मनमोहक हो जाता है यह जगह वास्तुकला हिंदू और मुगल शैली के बीच का एक समन्वय है जिसे नवाबी शैली के रूप में वर्णित किया गया है अगर आप अयोध्या घूमने जाते हैं तो आप गुलाब बारी अवश्य देखें। आप एक अद्भुत सुगंध और ऊर्जा का अनुभव करेंगे।
अगर आप Ayodhya जाने को तैयार है तो इन 5 जगह को अवश्य एक बार जरूर देखे।