CAA : कल शाम केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने का के बारे में जानकारी देते हुए अपने ट्विटर अकाउंट पर लिखा कि “मोदी सरकार नागरिकता संशोधन नियम 2024 के अधिसूचना जारी कर दी है इससे पाकिस्तान बांग्लादेश और अफगानिस्तान में धार्मिक उत्पादन की वजह से भारत आए अल्पसंख्यकों को यहां की नागरिकता मिल जाएगी।“जानकारी देते हुए उन्होंने यह भी लिखा कि प्रधान मंत्री मोदी ने अपने एक और संकल्प को पूरा किया है। कानून लाने से कुछ दिन पहले ही गृह मंत्री अमित शाह ने एक चुनावी रैली में एलान किया था की जल्द ही उनकी सरकार लोकसभा चुनाव से पहले CAA कानून को लागू करेगी ।
पूर्वोत्तर राज्य पर CAA का असर
पूर्वोत्तर राज्यों में अक्सर इस बात का विरोध होता है की पड़ोसी देश बांग्लादेश से हिंदू और मुस्लिम दोनों ही अवैध तरीके से आकर बड़ी संख्या में बस रहे है । इसलिए इस CAA नागरिकता संशोधन कानून का सबसे ज्यादा विरोध भी पूर्वोत्तर राज्यों असम ,मेघालय , मणिपुर,त्रिपुरा , नागालैंड और अरुणाचल प्रदेश में लगातार हो रहा है। क्योंकि इन राज्यों की सीमा बांग्लादेश के बहुत ही करीब है । विरोध का मुद्दा यह है की मौजूदा सरकार हिंदू मतदाताओं को अपने पक्ष में करने के लिए प्रवासी हिंदुओ को यहां नागरिकता देकर उनका यहां बसना आसान बना देना चाहती है । पूर्वोत्तर के सबसे बड़े राज्य असम में लगातार वहां के कुछ संगठनों द्वारा इसका विरोध किया जा रहा है ।
(CAA) नागरिकता संशोधन कानून क्या है?
सबसे पहले इस कानून को 1955 में लाया गया था । यह नागरिकता से जुड़ा एक विस्तृत और सूचीबद्ध कानून है । और इसमें बताया गया है की कैसे एक व्यक्ति को नागरिकता दी जा सकती है ।?
इस कानून में पहले भी कुछ बदलाव किए गए है। लेकिन इतना चर्चा के विषय नही बना है । लेकिन 2019 में केंद्र की बीजेपी सरकार द्वार इस कानून में संशोधन के लिए एक विधेयक लाई थी ,जिसे नागरिकता (संशोधन) विधेयक ,2019 कहा गया था। सांसद के दोनो सदनों से पास होने के बाद इस विधेयक पर राष्ट्रपति की मुहर लगी थी और अब 4 साल के इंतजार के बाद इस कानून को लागू करने की अधिसूचना जारी की गई है ।
इस कानून के अनुसार पडोसी देश पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से आए हिंदू,जैन ,बौद्ध ,सिख, पारसी और ईसाई समुदाय के लोगो को भारतीय नागरिकता प्राप्त होगी । पहले नागरिकता लेने के अवधि कम से कम 11 साल थी अब इसको घटाकर 6 साल कर दिया गया है ।
लोकसभा चुनाव पर इसका असर
क्योंकि यह कानून अब लोकसभा चुनाव से ठीक कुछ दिन पहले लागू हुआ है तो जाहिर है कि इसका कुछ न कुछ असर लोकसभा चुनाव पर जरूर पड़ेगा । सबसे पहला फायदा बीजेपी को यही होगा की हिंदुओ के वोट में बढ़ोतरी संभव है क्योंकि इस कानून के तहत हिंदू को साधने का प्रयास भी है । दूसरा इस कानून के माध्यम से कुछ ऐसे राज्यो में बीजेपी को कुछ जातिवर्ग का विशेष समर्थन प्राप्त हो सकता है जैसे पश्चिम बंगाल में मटुआ समुदाय का । कल इस समुदाय ने CAA की अधिसूचना जारी के बाद जश्न मनाया और इसे अपनी दूसरी स्वतंत्रता बताया है। यह समुदाय मुख्य एप से पूर्वी पाकिस्तान से आये हुए हिन्दू समुदाय का एक कमजोर वर्ग है।
मटुआ समुदाय पश्चिम बंगाल में राज्य की 30 लाख की आबादी वाला बड़ा हिस्सा जो उत्तर और दक्षिण परगना जिलों में निवास करता है और राज्य की 30 विधानसभा सीटों पर सीधा असर डालता है। अब नागरिकता मिलने से ये लोग पूरी तरह भारत के नागरिक कहलायेंगे और एक बड़े वर्ग का हिस्सा होंगे साथ ही लोकसभा चुनाव में अपनी भागीदारी भी सुनिश्चित करंगे।
मटुआ पहले TMC और अब बीजेपी
2019 के लोकसभा चुनाव से पहले तक मतुआ समुदाय लगातार TMC का एक मजबूत वोटर रहा है लेकिन 2019 के लोकसभा चुनाव में इस समुदाय ने बीजेपी का साथ दिया है। CAA की अधिसूचना से पहले TMC के समर्थक ने दवा किया की इस समुदाय के लोगो का पहले ही पहचान पत्र , राशन कार्ड आदि बनाया जा चुका है लेकिन केंद्र सरकार ने उसे रद्द कर दिया है। और फिर CAA के लागु होने के बाद पश्चिम बंगाल कि “मुखयमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि अगर इस कानून से लोगो के समूह के साथ भेदभाव होता है तो वह इसे स्वीकार नहीं करेंगी और इसके खिलाफ खुलकर लड़ेंगी।”