Code of Conduct : आज पूरे भारत में लोकसभा चुनाव 2024 की तारीख की घोषणा हो चुकी है और इसके साथ ही आदर्श आचार संहिता को लागू किया जा चुका है आचार संहिता लोकसभा या विधानसभा चुनाव में एक बहुत ही महत्वपूर्ण निर्णय होता है जो नेताओं की संहिता में बताएं गए नियमों का उल्लंघन करने वालों पर प्रतिबंध लगाती है। चुनाव आयोग द्वारा निर्देशित यह आचार संहिता पूरे भारत में लागू होती है साथ ही बेहतर परिणाम सुनिश्चित करने के लिए एक जनता का विश्वास मत हासिल करने के लिए माहौल बनाती है। इसके साथ हर मतदाता अपने अधिकार का प्रयोग स्वतंत्र रूप से कर सके और अपने इच्छानुसार अपना निर्णय ले सके यह सुनिश्चित करना भी चुनाव आयोग के द्वारा लगाई गयी आचार सहिंता के अधीन है।
क्या है आदर्श आचार संहिता (Code of Conduct)
कोड ऑफ़ कंडक्ट यानी कि आदर्श आचार संहिता राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों के लिए निर्धारित किए गए कुछ ऐसे नियमों का समूह है जिस राजनीतिक दलों की सहमति से तैयार किया जाता है आदर्श आचार संहिता में मुख्य नियम चुनाव आयोग द्वारा निर्धारित किए जाते हैं संविधान के अनुच्छेद 324 के अधीन संसद और राज्य विधान मंडलों के लिए स्वतंत्र, निष्पक्ष और शांतिपूर्ण चुनावो का आयोजन चुनाव आयोग का प्राथमिक कर्तव्य है जिसे वह संविधान के अनुसार पूर्ण करते हैं। आदर्श आचार संहिता(Code of Conduct) को चुनाव की तारीखों की घोषणा होने के साथ ही लागू कर दिया जाता है और चुनाव प्रक्रिया के पूर्ण होने तक यह राज्य और भारत के हर हिस्से में लागू रहती है।
चुनाव के लिए मानक
आदर्श आचार संहिता कुछ मानक निर्धारित करती है जिसके अनुसार राजनीतिक दलों उम्मीदवारों और सत्ताधारी दल को चुनाव प्रक्रिया के दौरान कैसा व्यवहार करना चाहिए यह उसमें बताया जाता है चुनाव प्रक्रिया सभा आयोजित करने बड़ी यात्राएं और मतदान के दिन की सभी गतिविधियां और सत्ताधारी दल के कामकाज पर भी नियम अनुसार प्रतिबंध लगता है।
मौजूदा सरकार के मंत्री अपने आधिकारिक डर को प्रचार संबंधी कार्यों के साथ नहीं मिल सकते और ना ही प्रचार संबंधी कार्यों के दौरान सरकारी तंत्र या कर्मचारी का प्रयोग कर सकते हैं हालांकि आदर्श आचार संहिता(Code of Conduct) के इन सब प्रतिबंधों में प्रधानमंत्री को छूट है।
सरकारी कामकाज के लिए नियम
आदर्श आचार संहिता(Code of Conduct) के लागू होने के बाद सरकारी योजनाएं निर्माण कार्य और अन्य सरकारी कार्यों पर कुछ नियम लागू किए जाते हैं जिसके अनुसार ही अधिकारी और कर्मचारी कार्य कर सकते हैं चुनाव के दौरान प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में सरकारी खर्च और परियों की उपलब्धियां के संबंध में एडवर्टाइजमेंट और सरकारी प्रचार पूरी तरह से माना है। इसके साथ ही अगर कहीं पर आचार संहिता लागू होने के बाद किसी भी राज्य सरकार या केंद्र सरकार के पोस्टर बैनर या कोई भी विज्ञापन दिखाई देता है तो उसको अधिकारियों द्वारा तुरंत हटाए जाने के आदेश होते हैं। चुनाव की घोषणा के बाद यदि कोई कार्य अगर शुरू नहीं किया गया है तो उसे आचार संहिता(Code of Conduct) के दौरान शुरू नहीं किया जा सकता।
सरकार द्वारा चल रही कुछ योजनाओं को जारी रखा जाता है जिससे जनता को लाभ हो रहा है। जैसे संपूर्ण ग्रामीण रोजगार योजना के कार्यों को जारी रखा जाता है।
मंत्री अन्य पदाधिकारी ऑनलाइन या ऑफलाइन किसी भी रूप में किसी भी तरह की कोई अनुदान नहीं दे सकते और ना ही कोई वादा कर सकते हैं और ना ही किसी योजना परियोजना की आधारशिला रखी जा सकती है सड़क बनवाने पीने के पानी की सुविधा इत्यादि भी इसके अंतर्गत नहीं आती है।
चुनाव प्रचार के लिए कड़े नियम
- चुनाव प्रचार के नियम चुनाव आयोग द्वारा निर्धारित किए जाते हैं और चुनाव आयोग के अनुसार कोई दलिया उम्मीदवार ऐसी किसी गतिविधियों में शामिल नहीं होगा जो धार्मिक किया भारतीय जातीय पर समुदायों के बीच मतभेद को बिगड़े या नेताओं की स्थिति पैदा करें।
- सभी राजनीतिक दल चुनाव प्रचार में एक दूसरे की आलोचना करते हैं इसीलिए चुनाव आयोग द्वारा राजनीतिक दलों की नीतियों और कार्यक्रम तक ही सीमित रखा जाए कोई भी दल या उम्मीदवार दूसरे दलों के नेताओं या कार्यकर्ताओं की निजी जिंदगी की किसी भी पैरों की आलोचना करने से दूर रहेंगे। तोड़ मरोड़ कर या सत्यापित तेरी आरोपी के तोड़ मरोड़ कर या जो आरोप सत्यापित नहीं हो सके,के आधार पर दलों या नेताओं की आलोचना नहीं की जा सकती ।
- वोट वोट की गुहार लगाते हुए किसी भी जाति या संप्रदाय की भावनाओं के आधार पर कोई वोट अपील नहीं की जाएगी ।किसी भी धार्मिक स्थान को प्रचार के लिए प्रयोग में नहीं लाया जाएगा।
भ्रष्ट और अपराध जैसी गतिविधियों पर प्रतिबंध रहेगा जैसे मतदाताओं को घूस देना, मतदाताओं को डराना ,धमकाना,एक मतदाता से दो वोट डलवाना मतदान केदो के 100 मीटर दूरी के भीतर प्रचार करना। - सभी राजनीतिक पार्टियों और प्रत्याशी यह सुनिश्चित करेंगे कि उनके समर्थक और कार्यकर्ता दूसरे दलों द्वारा आयोजित बैठकों और जुलूस में ना तो बाधा खड़ी करें और ना ही उन्हें भंग करें। एक पार्टी के द्वारा लगाए गए पोस्ट दूसरे पार्टी के कार्यकर्ताओं द्वारा नहीं हटाए जाएंगे।