लोकसभा चुनाव 2024 : आगामी चुनाव 2024 के लिए तारीखों की घोषणा हो चुकी है और अब सबको अपने अपने लोकसभा में प्रत्याशियों का इंतज़ार है कहीं पर प्रत्याशी पिछले सालो से एक्टिव है तो कहीं टिकट के ड़र से आज भी कमजोर पड़ रहे है और यह स्थिति लगभग दोनों पडोसी राज्यों में बनती दिख रही है क्योकि दोनों ही जगह अभी इंडिया गठबंधन ने उमीदवारो की घोषण अब तक नहीं की है। हालांकि संभावित उम्मीदवार तय हो चुके है लेकिन अभी तक ऑफिसियल घोषणा नहीं हो पायी है झारखण्ड राज्य में जहां 14 सीट है वहीं ओडिशा में 21 लोकसभा सीट है और अगर दूसरी देखे तो बीजेपी ने झारखण्ड में अपने 11 उम्मीदवारों के नाम अपनी पहली सूची में ही जारी कर दिए थे। ओडिशा राज्य ने अभी बीजेपी और BJD के गठबंधन में भी पेंच फंसा हुआ दिख रह रहा है। क्योकि बीजेपी कुछ अधिक सीट लेना चाहती है और BJD उतनी सीटों के लिए अभी तैयार नहीं है। इसका कारण है की BJD ओडिशा में सत्ताधारी पार्टी है जिसने विधानसभा चुनाव ने सबसे ज्यादा सीट हासिल की हुयी है झारखण्ड और ओडिशा को पडोसी राज्य इसलिए भी कहा जाता है क्योकि दोनों ही राज्य में 1 वर्ष में ही लोकसभा और विधानसभा चुनाव होते है और दोनों राज्यों में भी बीजेपी सरकार भी नहीं है। तो चलिए जानते है इन राज्यों में ऐसी कौन सी सीट है जो INDIA गठबंधन अपने दम पर सही रणनीति के साथ जीत सकता है।
2019 के आधार पर लोकसभा चुनाव 2024
झारखंड और ओडिशा दोनों ही राज्यों में लगभग 2019 के आधार पर ही लोकसभा चुनाव हो रहा है 2019 में भी झारखण्ड में कांग्रेस ,JMM और राजद का गठबंधन था और सीट शेयरिंग के आधार पर चुनाव लड़ा गया था और इस बार भी झारखण्ड में गठबंधन अभी जारी है और सीट शेयरिंग का फार्मूला भी तय हो चूका है और बस घोषण होना बाकि है। ओडिशा राज्य में भी 2019 के चुनाव में बीजेपी ,BJD और कांग्रेस ने अलग अलग चुनाव लड़ा था और अपने प्रत्याशी उतारे थे। हालाँकि ओडिशा में झारखण्ड की विपरीत अधिकतर लोकसभा सीट BJD ने ही जीती है पिछले दस सालों में जब मोदी लहर बहुत तेज़ थी तब भी BJD ने लगातार अच्छा प्रदर्शन किया और लोकसभा में अधिक सीटे लेने के साथ साथ विधानसभा में अबसे अधिक सीट लेकर सरकार बनाती रही है जो अपने आप में एक उपलब्धि है। लेकिन इस बार लोकसभा चुनाव 2024 में स्थिति अलग दिखाई दे रही है।
2019 में झारखंड की कम मार्जिन की सीट
2019 के लोकसभा चुनाव में झारखण्ड में 2 गठबंधनों ने चुनाव लड़ा, जिसमे एक और UPA गठबंधन था जिसमे JMM , कांग्रेस ,राजद ,और JVM पार्टी शामिल थी और दूसरी और NDA गठबंधन था जिसमे बीजेपी के साथ आजसू पार्टी थी दोनों तरफ से सीट शेयरिंग का फार्मूला तय हुआ और महागठबन्धन में jmm ने 5 ,कांग्रेस ने 7 ,राजद 1 और jvm ने 1 सीट पर चुनाव लड़ा। NDA में बीजेपी ने 11 और आजसू ने 3 सीटों पर चुनाव लड़ा। परिणामो में 12 सीट NDA गठबंधन को मिली और 1 सीट कांग्रेस और 1 सीट JMM को मिली।
अगर इस बार पिछले चुनावो के अनुसार ध्यान से देखा जाए तो झारखण्ड में ऎसी 5 सीटें है जहां पिछली बार जीत का अन्तर काफी कम था , और वोट % लगभग बराबर था। सिंघभूम सीट और राजमहल सीट तो गठबंधन के पाले में आ ही गई थी इसके साथ ही खूंटी लोकसभा सीट जो वर्तमान केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा की सीट है उस पर जीत का अंतर महज 1400 वोट के आसपास था और इस बार INDIA गठबंधन मेहनत करता है तो यह लोकसभा सीट आराम से जीत सकते है।
इसके अलावा है दुमका सीट जो झामुमो मुख्या शिबू सोरेन की सीट है इस सीट पर अंतर् महज बहुत ज्यादा नहीं रहा था अगर INDIA गठबंधन साथ मिलकर चुनाव लड़ते है तो यह सीट भी जीत सकेंगे।
सबसे अलग और सबसे चर्चित सीटों में से एक लोहरदगा सीट है जिसमे बीजेपी के उम्मीदवार ने महज 10000 वोटो से जीत हासिल की थी अगर इस बार चुनाव सही रणनीति के साथ लड़ा जाए तो आराम से जीत हासिल हो सकेगी।
2019 में ओडिशा की काम मार्जिन वाली सीट
झारखण्ड के विपरीत ओडिशा राज्य में चुनाव के समीकरण अलग थे और सभी पार्टियों ने लगभग अलग अलग चुनाव लड़ा और अपने अपने उम्मीदवार उतारें ,हालांकि BJD राज्य की सरकार चला रही थी तब भी उसी केवल 12 सीटों के साथ संतोष करना पड़ा और 8 सीटे बीजेपी और 1 सीट कांग्रेस के खाते में गयी।
अब लोकसभा चुनाव 2024 में कांग्रेस के लिए ओडिशा में कुछ ऐसी सीटे है जहां वह चुनाव अच्छी मेहनत लड़कर जीत सकती है। कांग्रेस पिछली बार केवल 2 सीट पर रनर उप रही थी लेकिन अगर इसके पिछले चुनाव यानि 2014 को देखे तो कांग्रेस 11 सीटों पर दूसरे नंबर और वोट शेयर भी दूसरे नंबर पर रहा। इस बार कांग्रेस कोरापुट सीट को दुबारा से जीत सकती है। इसके सात ही नबरंगपुर सीट पर कांग्रेस पिछली दूसरे नंबर पर रहीं है अगर यहां भी अच्छे से मेहनत की जाये तो सीट कांग्रेस के खाते में जाएगी।
इसके आलावा कांग्रेस का खासा प्रभाव बोलांगीर लोकसभा सीट पर भी रहा है अगर कांग्रेस अपने सभी पुराने कार्यकर्ताओं को एकजुट करने में सफल रहती है तो इस सीट को भी लोकसभा चुनाव 2024 में वापिस जीत सकती है।
एंटी इंकम्बैंसी से होगा फायदा
दोनों ही राज्यों में लोकसभा चुनाव 2024 के लिए कुछ सीटों पर उमीदवारो को लगातार दोहराया जा रहा है जिसकी वजह से उनके खिलाफ जनता में एंटी इंकम्बैंसी फैक्टर विभिन्न सर्वे में सामने आ रहा है अगर कांग्रेस और INDIA गठबंधन अच्छी रणनीति के साथ चुनाव लड़ती है तो निश्चित तौर इस एंटी इंकम्बैंसी का फायदा कांग्रेस का मिल सकता है।
आखिर में कौन सी पार्टी कौन सी सीट जीतने में सफल होती है यह तो लोकसभा चुनाव 2024 के परिणाम आने वाले 4 जून को ही पता चलेगा।