Odisha News : आगामी लोकसभा चुनाव 2024 की तैयारियों में लगे सभी राजनीतिक दलों अपने साथियों को चुन लिया है लगभग हर बार की तरह इस बार भी दोनों और बड़े गठबंधन चुनाव लड़ रहे हैं एक तरफ बीजेपी का उसके सहयोगी दलों के साथ एनडीए गठबंधन और दूसरी ओर कांग्रेस का उसका क्षेत्रीय दलों के साथ इंडिया गठबंधन। और ऐसा ही यह गठबंधन अभी हाल ही में उड़ीसा राज्य में संभव हो सकता है उड़ीसा राज्य में लोकसभा की 29 सीटे है। और वर्तमान में बीजेडी द्वारा राज्य में सरकार चलाई जा रही है। यहां बीजेडी पार्टी ने बीजेपी के साथ गठबंधन अभी नहीं किया है । बीजेपी 2024 लोकसभा चुनाव के लिए ओडिशा में 14 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती है और बाकी बीजेडी के लिए छोड़ना चाहती है । और क्योंकि लोकसभा के साथ साथ यहां विधानसभा चुनाव भी होना है तो उसके लिए रणनीति तय की गई है। इस लेख के माध्यम से जानिए की Odisha News में गठबंधन होने या ना होने से कैसे हो सकता है विपक्षी पार्टी को फायदा।
Odisha News BJP -BJP का एजेंडा
ओडिशा राज्य में लगातार पिछले कई बार से बीजेडी सरकार बनाते आई है लेकिन लोकसभा चुनाव बीजेडी 2009 से अकेले चुनाव लड़ रही है। बीजेडी और बीजेपी पार्टीयों का राजनीतिक एजेंडा भी लगभग मेल जाता है। इसलिए राज्य में यह गठबंधन संभव हो पाने की स्थिति में नज़र आ रहा है हालांकि बीजेपी और BJD नेता दोनों की और से कोई आधिकारिक सूचना अभी नहीं दी गयी है लेकिन संभव है की यह गठबंधन जल्दी हो सकता है।
विपक्षी India गठबंधन की स्थिति
उड़ीसा राज्य में विपक्षी दलों की अगर बात करे तो राज्य में सरकार चला रही बीजेडी के अलावा बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही विपक्षी दल है लेकिन यहां अब बीजेपी के साथ लोकसभा चुनाव के लिए गठबंधन तय होने की स्तिथि में दिख रहा है तो अब मुख्य रूप से विपक्ष में कांग्रेस बड़ी पार्टी बन सकती है । और कांग्रेस ने पिछले लोकसभा चुनाव में एक सीट पर ही जीत हासिल की थी और विधानसभा चुनाव में भी केवल 9 सीटों पर ही जीत हासिल कर पाई थी लेकिन अगर इस बार की तैयारी को देख तो कांग्रेस हाई कमान ने जब से उड़ीसा प्रदेश की प्रभारी को बदला है तब से यहां कांग्रेस की स्थिति काफी मजबूत होती हुई नजर आ रही है कांग्रेस कार्यकर्ताओं का सक्रिय होना और लगातार बीजेडी और बीजेपी पर हमलावर होना कांग्रेस की मजबूत होती हुई स्थिति को दर्शाता है और इसका श्रेय उड़ीसा कांग्रेस के प्रभारी डॉक्टर अजय कुमार को जाता है जो लगातार उड़ीसा राज्य में कांग्रेस को बेहतर स्थिति में पहुंचने के लिए सक्रिय रूप से जमीनी स्तर पर काम कर रहे हैं।
बीजेपी बीजेडी गठबंधन का पुराना इतिहास
उड़ीसा राज्य में नवीन पटनायक पिछले पांच बार से लगातार राज्य के मुख्यमंत्री रहे हैं और Odisha News में बने रहे है, साथ ही अपनी पार्टी के मुखिया भी रहकर उन्होंने पार्टी को संभाला है और आप जब BJD 2024 में चुनावी दंगल में जाने के लिए तैयार है तो उसके सामने सबसे बड़ी चुनौती बीजेपी पार्टी ही थी लेकिन क्योंकि बीजेपी और BJD का एक पुराना इतिहास रहा है इसलिए अब BJD के लिए थोड़ी आसानी नजर आ रही है जब BJD पहली बार विधानसभा चुनाव 2000 में लड़ी रही थी। तो बीजेपी ही वह पार्टी थी जिसे राज्य में से कांग्रेस सरकार को हटाने के लिए नवीन पटनायक की मदद की थी। 2004 के विधानसभा चुनाव में भी बीजेपी और BJD का साथ बना रहा पर नवीन पटनायक की पार्टी उस समय 61 सिम लाकर राज्य की सबसे बड़ी पार्टी बनी। भाजपा को महज 32 सीट आई थी 2009 की विधानसभा चुनाव के पहले BJD और बीजेपी के बी पिछले 11 सालों के संबंध में खटास आने लगी और नवीन पटनायक ने इसकी वजह कंधमाल घटना को जिम्मेदार बताया सही मायनो में BJD की राजनीति भाजपा से अलग होने के बाद ज्यादा सफल होती हुई दिखाई दी। और यही वह समय था जब उड़ीसा राज्य में बीजेपी का आधार कम होने लगा। 2009 विधानसभा चुनाव में पहली बार नवीन पटनायक को अपने दम पर पूर्ण बहुमत हासिल हुआ बीजेडी को 147 में 103 सीटों पर जीत मिली। जबकि भाजपा 32 से लुढ़ककर 6 सीटों पर आ गई और नवीन पटनायक तीसरी बार मुख्यमंत्री बने।
2014 में बीजेडी और 2019 में बीजेपी
जहां बिजली ने 2009 के चुनाव में बीजेडी ने बीजेपी का साथ छोड़ दिया वहीं अगले 2014 के चुनाव मैं राज्य की सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी और 147 में से 117 सीटों पर जीत हासिल की। इस समय तक कांग्रेस काफी कमजोर हो चुकी थी कांग्रेस को महज 16 सीट और बीजेपी को महज 10 सीट ही मिली नवीन पटनायक चौथी बार सीएम बने। न सिर्फ विधानसभा बल्कि लोकसभा चुनाव में भी BJD ने अकेले काफी अच्छा प्रदर्शन किया राज्य की 21 लोकसभा सीटों में से 20 सीटों पर कब्जा किया और बीजेपी का यहां कोई खास अच्छा प्रदर्शन नहीं रहा ।
2019 के विधानसभा चुनाव जीतने में भी नवीन पटनायक और BJDको कोई खास परेशानी नहीं हुई। लेकिन 2019 लोकसभा चुनाव में BJD को काफी फायदा मिला और विधानसभा चुनाव में नवीन पटनायक ने 112 सीट जीती कांग्रेस को 9 सिम प्राप्त हुई और बीजेपी ने इस बार 23 सीट के साथ अपनी बढ़त बनाई।
2019 की विधानसभा चुनाव की सबसे मुख्य बात यह थी कि भले ही भाजपा ने 32 सीट जीती थी लेकिन उनका वोट प्रतिशत 32.49 प्रतिशत हो गया था और जो बीजेडी के लिए एक बहुत बड़ा खतरा था।
2024 में BJD से ज्यादा बीजेपी और कांग्रेस Odisha News में
2024 लोकसभा चुनाव के लिए इस बार उड़ीसा राज्य में बीजेडी के अलावा बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही Odisha News में बने हुए हैं। 2024 के लिए बीजेपी उड़ीसा में सत्ता हासिल करने के लक्ष्य के साथ रणनीति को अंजाम देने में लगी हुई है। एक समय भाजपा की हैसियत और पकड़ उड़ीसा राज्य में काफी अच्छी थी। विधानसभा की बात करें तो बीजेपी ने पहली बार यहां 1985 में एक सीट पर जीत हासिल की थी। 1990 में 2 सेट 1995 में 9 सीट पर जीत मिली बीजेपी का उड़ीसा में सबसे अच्छा प्रदर्शन रहा और 2000 में बीजेपी ने बीजू जनता दल के समर्थन से 38 सीट हासिल की थी 2004 में 32 सीटों पर जीत मिली ।और बीजेडी से गठबंधन टूटने के बाद 2009 में बीजेपी को 6 सीट, 2014 में 10 सीट और 2019 में 23 सीट प्राप्त हुई थी।
और क्योंकि बीजेपी राज्य में लगातार मेहनत कर रही है इसलिए बीजेपी का प्रदर्शन यहां विधानसभा चुनाव के मुकाबले लोकसभा चुनाव में भी काफी अच्छा होता हुआ नजर आ रहा है पहली बार 1998 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने यहां 7 सीट हासिल की । बीजेपी बीजेडी के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ी थी ।और इसके बाद बीजेपी को लोकसभा चुनाव में बडी सफलता अपने दम पर 2019 लोकसभा के चुनाव में हासिल हुई जब बीजेपी ने यहां 8 लोकसभा सीटों पर जीत दर्ज की । उस समय Odisha news में सिर्फ इसलिए ही था की बीजेपी ने 8 सीटों पर जीत दर्ज की थी।
कांग्रेस को फायदा
अगर बीजेपी और बीजेडी पार्टी का गठबंधन लोकसभा और विधानसभा दोनों चुनाव के लिए तय नहीं होता है तो निश्चित तौर पर इस बार कांग्रेस अपने वोट प्रतिशत में इजाफा करते हुए राज्य में अपनी सीटों को बढ़ाने में सफलता प्राप्त कर सकती है जमीनी हकीकत के अनुसार अनुमान है कि कांग्रेस लगातार भाजपा और बीजेडी के ऊपर हमलावरहोने के साथ साथ Odisha News में बनी हुयी है और नतीजे के अनुसार कांग्रेस अगर ऐसे ही अच्छा प्रदर्शन करती रही और अच्छी उम्मीदवारों को उतरती है तो निश्चित तौर पर चार से पांच लोकसभा सिम जीत सकती है और बीजेपी और बीजेडी को एक कड़ी तक कर दे सकती है साथ ही विधानसभा चुनाव में भी इस बार कांग्रेस 30 + सिम जीतकर एक मुख्य विपक्षी पार्टी बन सकती है।