President Droupadi Murmu ने कैसे सुधा मूर्ति को किया राजयसभा के लिए नॉमिनेट ,जानिए 8 मार्च महिला दिवस की ये सबसे खास जानकारी।

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President Droupadi Murmu ने भारत के संविधान की चौथी अनुसूची (अनुच्छेद 4 (1) और 80 (2 ) के अनुसार सुधा मूर्ति को राजसभा के लिए मनोनीत किया है इस  अनुच्छेद के अनुसार भारत के राष्ट्रपति कला ,साहित्य ,विज्ञानं और सामाजिक सेवाओं के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए12 व्यक्तियों को राजयसभा के लिए  नामित करते है। जिनमे से प्रत्येक 6 साल का कार्यकाल पूरा करता है। हमारे भारत के संसद में दो सदन है लोकसभा और राज्यसभा राज्यसभा जो ऊपरी सदन है उसमें सदस्यों की संख्या 250 होती है जिसमें से 238 निर्वाचित होते हैं और 12 राष्ट्रपति द्वारा मनोनीत किए जाते हैं। इसलिए सुधा मूर्ति को President Droupadi Murmu जी के द्वारा राज्यसभा के लिए मनोनीत किया गया है।हालांकि सुधा मूर्ति जी पहचान एक बिजनेस महिला से ज्यादा सकारात्मक सामाजिक बदलाव लाने वाली महिला के रूप में भी होती है । आज इस लेख में जानिए की कैसे सुधा मूर्ति को राजसभा के लिए उपयुक्त मानकर मनोनित किया गया है।

पीं एम् मोदी ने की President Droupadi Murmu के फैसले की सराहना 


आधिकारिक रूप से प्रेसिडेंट द्रौपदी मुर्मू द्वारा सुधा मूर्ति को मनोनीत किए जाने की घोषणा प्रधानमंत्री मोदी जी के ट्विटर हैंडल से दी गई है। ट्वीट करते हुए उन्होंने लिखा कि “मुझे खुशी है कि भारत के राष्ट्रपति ने सुधा मूर्ति जी को राज्यसभा के लिए मनोनीत किया है सामाजिक कार्य,परोपकार और शिक्षा सहित कहीं क्षेत्रो में सुधा जी का योगदान अतुलनीय और प्रेरणादायक रहा है। राज्यसभा में उनकी स्थिति हमारी नारी शक्ति का एक शक्तिशाली प्रमाण है जो हमारे देश की नियति को आकार देने में महिलाओं की ताकत और क्षमता का उदाहरण है उनके सफल संसदीय कार्यकाल की में कामना करता हूं”। मोदी जी ने बहुत ही उत्साह और प्रेरणा के साथ सुधा मूर्ति को बधाई संदेश दिया है। सुधा मूर्ति ने भी प्रधानमंत्री की इस बधाई के लिए उनका शुक्रिया अदा किया है और उन्होंने कहा कि है उनके लिए महिला दिवस का एक बड़ा उपहार है देश के लिए काम करना एक नई जिम्मेदारी है।

कौन है सुधा मूर्ति 

President Droupadi Murmu
Sudha Murti with Husband

सुधा मूर्ति इंफोसिस के सह संस्थापक और कंपनी के पूर्व प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अध्यक्ष हैं उनका योगदान इंफोसिस को एक अग्रणी आईटी सेवा कंपनी बनाने में महत्वपूर्ण रहा है 1981 में सुधा मूर्ति ने नरसिम्हा मूर्ति, एन आर नारायण मूर्ति, कृष्ण कुमार नायर और गोपाल कृष्ण के साथ मिलकर इंफोसिस की स्थापना की। उन्होंने मात्र ₹10000 के साथ शुरुआत की और अपने कंप्यूटर सॉफ्टवेयर सर्विस की पेशकश की। सुधा मूर्ति तकनीकी सलाहकार के रूप में शामिल हुई और कंपनी के अग्रणी उत्पादों पर काम किया। इंफोसिस के विकास के साथ सुधा मूर्ति की भूमिका भी बढ़ती गई, वह कंपनी की पहली महिला प्रबंध निदेशक बनी और इसके बाद मुख्य कार्यकारी आधिकारी बनी। उनके नेतृत्व में इन्फोसिस ने वैश्विक स्तर पर अपना विस्तार किया और सॉफ्टवेयर सेवाओं में एक शीर्ष खिलाड़ी बन गया। सुधा मूर्ति सॉफ्टवेयर प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में महिलाओं के भागीदारी को बढ़ावा देने के लिए भी जानी जाती हैं। उन्होंने इंफोसिस में लिंग समानता और समावेशिता को प्रोत्साहित किया। उन्हें तकनीकी शिक्षा और उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए कई पुरस्कार और सम्मान से नवाजा गया है। अपने लंबे करियर में सुधा मूर्ति ने भारत और वैश्विक स्तर पर आईटी उद्योग को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है उनकी दूरदर्शिता नेतृत्व क्षमता और प्रतिबद्धता से इंफोसिस एक बहुराष्ट्रीय कंपनी बन गई है। जिसकी वैश्विक स्तर पर बहुत अच्छी पहुंच है।

समाज में सुधा मूर्ति का योगदान 

President Droupadi Murmu द्वारा सुधा मूर्ति को मनोनीत किए जाने का सबसे मुख्य कारण समाज के विभिन्न क्षेत्रों में उनके उल्लेखनीय योगदान है जैसे उन्होंने इंफोसिस को एक बहुराष्ट्रीय आईटी दिग्गज कंपनी बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है वैसे ही उन्होंने समाज को एक अच्छा स्टार और महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित करने में बहुत काम किया है।

शिक्षा और कौशल प्रशिक्षण : सुधा मूर्ति शिक्षा और कौशल विकास के क्षेत्र में बहुत सक्रिय रही हैं वे कर्नाटक और आंध्र प्रदेश में कई संस्थाओं से जुड़ी रही हैं जो गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करते हैं।उन्होंने कई शैक्षणिक अभियानों का समर्थन किया है जो विज्ञान, गणित और कंप्यूटर प्रोग्रामिंग जैसे क्षेत्र में छात्रों को प्रशिक्षित करता है।

नारी सशक्तिकरण और लिंग समानता : सुधा मूर्ति नारी सशक्तिकरण और लिंग समानता की पुरजोर समर्थक रही हैं उन्होंने इंफोसिस में महिलाओं के लिए समान अवसर सुनिश्चित करने और उनके करियर विकास को प्रोत्साहित करने पर ध्यान केंद्रित किया। वे कई नारीवादी संगठनों से भी जुड़ी रही।

सामाजिक कार्य: सुधा मूर्ति ने गरीबी उन्मूलन, स्वास्थ्य देखभाल और पर्यावरण संरक्षण जैसे विभिन्न सामाजिक मुद्दों पर भी काम किया है उन्होंने कई स्वयंसेवी संगठनों का समर्थन किया है और आपदा राहत कार्यों में योगदान दिया है।

उद्यमिता को बढ़ावा :इंफोसिस की सफलता से प्रेरित होकर, सुधा मूर्ति नए उद्यमियों विशेष रूप से महिला उद्यमियों को प्रोत्साहित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती रही है। वह स्टार्टअप्स को मैटर करती हैं और उद्यमशीलता को बढ़ावा देने के लिए कई पहलू पर काम करती रहती है।

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बच्चो को बनाया सफल 

President Droupadi Murmu

सुधा मूर्ति ने न सिर्फ समाज और इन्फोसिस को सफल बनाने के लिए प्रेरणा दी है बल्कि अपने बच्चों को भी प्रेरित कर सफल बनाया है सुधा मूर्ति और नारायण मूर्ति के दो बच्चे हैं एक बेटा और एक बेटी, बेटी अक्षता मूर्ति ब्रिटेन के वर्तमान प्रधानमंत्री ऋषि सुनक की पत्नी है। अक्षत की पहचान ब्रिटेन में रहने वाली भारतीय फैशन डिजाइनर के रूप में भी है। और उनके बेटे रोहन मूर्ति अमेरिका बेस्ट सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट फॉर्म सोरों को के फाउंडर हैं इसके अलावा रोहन मूर्ति द्वारा भारत में मूर्ति क्लासिकल लाइब्रेरी की स्थापना भी कराई गई है।

सुधा मूर्ति के इतने लम्बे कार्यकाल और  समाज में उनके योगदान को देखते हुए ही President Droupadi Murmu ने इन्हे राजसभा  लिए मनोनीत किया है। और President Droupadi Murmu के इस फैसले के लिए सबने उनकी काफी सराहना भी की है।

 

 


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