Reduce Exam Stress : विश्व में हर बच्चा जब भी स्कूल या कॉलेज में पढ़ाई करता है तो उसके पूरे साल का सबसे मुश्किल दिन वह होता है जब उसे परीक्षा की तारीख पता चलती है और वह सब छोड़ कर परीक्षा की तैयारी में लग जाता है और यह घटना लगभग सभी विद्यार्थियों के साथ घटित होती है। और इसके बाद चाहे वह पढ़ने में कितने भी अच्छे हो लेकिन तनाव महसूस करने लगते है जिसके कारण वह अपना पूरा फोकस पढ़ाई पर नहीं कर पाते। हलाकि यह तनाव एक सामान्य अनुभव है जिसके बाद विद्यार्थी के पढ़ने के तरीको में थोड़ा चेंज आने लगता है या तो वह अच्छे और सीरियस ढंग से पढ़ाई करते है या फिर वो गलतियां ज्यादा करते है। इस लेख में आज हम परीक्षा के समय तनाव से कैसे छुटकारा पाए या उसे मैनेज कैसे करे के बारे में जानंगे और हर पहलु की जाँच करेंगे।
Reduce Exam Stress का अर्थ है ?
reduce exam stress का हिंदी में अर्थ है परीक्षा के तनाव को काम करना। और इसको और अच्छे से समझने के लिए आपको समझना होगा कि Exam stress क्या होता है ? आपको बता दे परीक्षा के पहले थोड़ा डर ,चिंता और घबराहट के रूप में जो अनुभव का एहसास होता है उसे ही exam स्ट्रेस कहते है यानि की परीक्षा का तनाव। यह बहुत ही सामान्य घटना है जो विश्व के सभी बच्चो के साथ घटित होती है। इसलिए परीक्षा के दबाव को समझना और इसे हैंडल करना बहुत ही महत्वपूर्ण है क्योंकि यह छात्रों की क्षमता को प्रभावित करता है और जीवन के लक्ष्यों से भी आपको भटका सकता है।
किन वजहों से होता है तनाव ?:
यूँ तो परीक्षा की तैयारियों और परीक्षा के दौरान अलग अलग तरह का तनाव या भय सताता है लेकिन आज कुछ इस लेख में कुछ मुख्य कारणों के बारे में बात करेंगे।
असफलता का भय : आज के इस कॉम्पीटीशन की दुनिया में हमे रोज अपने घर में माता पिता द्वारा और दोस्तों द्वारा कुछ सफल प्रतिभाओ के उदाहरण दिए जाते है जैसे उसके 90 % आये तो उसके अच्छे स्कूल या कॉलेज में सलेक्शन हुआ। और भी अन्य सफल उदाहरण। जो छात्रों के अंदर डर का माहौल पैदा करती है क्योंकि एक छात्रा को उसकी प्रतिभा या अनुभव के अनुसार न पढ़ने देना और उसे किसी और के साथ बार-बार कंपेयर करना यह उसके अंदर एक भय पैदा कर देता है। जिससे उसे हमेशा ही दूसरे से ज्यादा सफल होने की एक जिद लगी रहती है और जब वह परीक्षा में बैठता है तो बार-बार उसे वह डर सताता है कि कहीं वह इस परीक्षा में काम नंबर ना ले आए या कहीं वह जो पाना चाहता है या जितने अंक वह प्राप्त करना चाहता है उसमें वह असफल ना हो जाए और यह उसका डर कहीं ना कहीं एक ऐसा तनाव पैदा करता है जो उसके लिए असहनीय हो जाता है और इसका सीधा असर उसके परीक्षा पर पड़ता है।
समय प्रबंधन (टाइम मैनेजमेंट): परीक्षा में छात्रों के लिए सबसे जरूरी काम है उनके समय को उनके विषय और कार्यों के अनुसार प्रबंध करना क्योंकि छात्र अक्सर बिना किसी समय प्रबंधन के जब भी पढ़ाई करते हैं तो वह या तो पढ़ते हुए थक जाते हैं या फिर उनका ध्यान कहीं ना कहीं भटक जाता है। छात्रों को मुख्य रूप से अपने समय को प्रबंध करना चाहिए क्योंकि अगर वह ऐसा नहीं करते हैं तो इसका नतीजा उनको अंत में बड़े हुए तनाव के स्तर की वृद्धि के रूप में प्राप्त होता है जो उनके लिए बहुत ही असहनीय पीड़ा की तरह होता है।
भविष्य के बारे में अनिश्चित : भविष्य के बारे में कुछ भी निश्चित न होना , एक महत्वपूर्ण तनाव का स्रोत है विशेष कर परीक्षा के अज्ञात परिणाम और उनके भविष्य पर संभावित प्रभावों के संदर्भ में यह अनिश्चितता, व्यक्तियों के बीच में तनाव और चिंता के उच्च स्तर की उत्पत्ति कर सकती है।
छात्र पर तनाव का प्रभाव:
मानसिक प्रभाव : परीक्षा तनाव मानसिक कार्यों को प्रभावित कर सकता है जिससे संवाद करने स्मृति की कमी और समस्या समाधान की क्षमता में कमी हो सकती है इसलिए छात्रों को परीक्षा के समय मानसिक रूप से स्वस्थ और क्रियाशील रहने की आवश्यकता होती है ताकि उन्हें मानसिक प्रभाव कम से कम महसूस हो।
आत्मविश्वास पर नकारात्मक प्रभाव: हर छात्र के अंदर अपने अनुभव और क्षमता के अनुसार एक आत्मविश्वास होता है जो उसे किसी भी कार्य को करने में एक ऊर्जा प्रदान करता है कि हां वह यह कर सकता है या कर सकती है क्योंकि उसे बहुत साफ दिखाई देता है कि उसे जो कार्य दिया गया है कि वह उसकी क्षमता के अनुसार है लेकिन जब उसके ऊपर दबाव या तनाव पड़ता है तो वह क्षमता और उसका आत्मविश्वास नकारात्मक दिशा में काम करते हैं जिस आत्मविश्वास पर एक नकारात्मक प्रभाव पड़ता है और कहीं ना कहीं उसके परिणाम अच्छे नहीं आते हैं
स्वास्थ्य पर प्रभाव : जहां तनाव छात्रों पर मानसिक रूप से हावी हो सकता है और उन्हें मानसिक पीड़ा दे सकता है वही यह तनाव परीक्षा के दौरान छात्रों की शारीरिक स्वास्थ्य पर भी असर डालता है सर दर्द, थकान, नींद में बाधा और आपातकालीन खाद्य की परिवर्तन के रूप में यह तनाव छात्रों में देखा जाता है जिससे कि उनकी परीक्षा की तैयारी में बाधा उत्पन्न होती है।
तनाव के मुख्य लक्षण क्या है?
छात्रों में तनाव के कई लक्षण है ,उसमें से जो सबसे ज्यादा सामान्य है वह है टालमटोल छात्र जब भी परीक्षा के तनाव में होते हैं तो वह कार्यों को स्थगित करना , नींद अच्छी तरह से ना आना बेचैन रहना उनके ध्यान में कठिनाई आना या ध्यान केंद्रित न हो पाना उनकी भावनाओं और व्यवहार में परिवर्तन होना कभी-कभी उनके व्यवहार में चिडचिडाहट ज्यादा होना या उदासी दिखाई देना ये सभी लक्षण देखे जा सकते है।
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तनाव को काम करने की रणनीति Strategies to Reduce Exam Stress?
- शुरुआत में अधिक स्थिरता से तैयारी: अक्सर छात्र परीक्षा की तैयारी के लिए अंतिम चरण चुनते हैं जो उनके तनाव का कारण बनता है परीक्षा की शुरुआत जल्दी से करना और एक स्थिर अध्ययन दिनचर्या बनाए रखना उनके तनाव को कम कर सकता है और उनकी परीक्षा की तैयारी को बहुत बेहतर और प्रभावी बना सकता है।
- प्रभावी समय प्रबंधन: परीक्षा के लिए समय प्रबंधन अपने पढ़ने की क्षमता और ध्यान केंद्रित करने की क्षमता के अनुसार होना चाहिए, प्रत्येक विषय के लिए विशिष्ट समय स्लॉट बनाकर ,अध्ययन सामग्री को पढ़ने के लिए और समझने के लिए उसे कुछ निश्चित समय में बांटकर समय अनुसार पढ़ें। जिससे कि वह लंबे समय तक याद भी रहे और समझ में भी आए।
- माइंडफूलनेस और अभ्यास : अपनी दिनचर्या में ध्यान, योग अभ्यास जैसे गहरी सांस लेना थोड़ा ध्यान करना शामिल करें। यह तरीका मानसिक शांति की स्थिति को बनाए रखने , चिंता को कम करने और ध्यान को बढ़ाने में बहुत हद तक मदद करता हैं।
- परिजनों की मदद :दोस्तों परिवार या शिक्षकों से सहारा लेने में कभी भी हिचकिचाए नहीं, आप जिस पर भी विश्वास करते हैं या जिसके साथ अपनी चिताओं को साझा करते हैं उन्हें अपनी चिंता को बताएं और उनसे एक उचित मार्गदर्शन के लिए रिक्वेस्ट करें जिससे कि वह सभी आपके लिए एक सकारात्मक वातावरण बनाए रखें।
- स्वस्थ जीवन शैली :संतुलित आहार, नियमित व्यायाम और पर्याप्त नींद अवश्य लें। क्योंकि स्वस्थ जीवन शैली परीक्षा की तैयारी में सबसे अधिक उपयोगी है और किसी के माध्यम से आप एक सफल लक्ष्य को प्राप्त कर सकते हैं
- ब्रेक और आराम : ब्रेक कमजोरी का संकेत नहीं है बल्कि अधिक ऊर्जावान होने के लिए एक आवश्यकता है अध्ययन सत्रों के बीच छोटी छुट्टियां शामिल करने से आप काफी ज्यादा देर तक और काफी पर प्रभावी रूप से पढ़ते है।
निश्चित रूप से सफल योजनाओं के साथ परीक्षा के तनाव को काम किया जा सकता है इसलिए कभी भी परीक्षा के समय किसी भी तनाव में न फंसे किसी सब्जेक्ट या किसी सोच से ना डालें बस अपने लक्ष्य अपनी परीक्षा पर ध्यान केंद्रित करें और उसके लिए एक उचित समय निश्चित करके पढ़ाई को जारी रखें जितना ज्यादा आप कभी तनाव महसूस करते हैं उतना ही आपके अंदर एक अनिश्चित का गुण आता है इसलिए कभी भी तनाव को अपने ऊपर अधिक हावी न होने दे चाहे आपकी परीक्षा छोटी हो या बड़ी हो परीक्षा को एक अस्थाई चुनौती मानकर स्वीकार करें और उसको पार करने के लिए अपनी क्षमताओं और अनुभव का प्रयोग कर एक अनुकूल एवं उचित योजना बनाएं।